Story
बेटी - अभिमान समाज का
बात उस समय की है जब मैरे भाई का accident होने के कारण मैं और मेरा परिवार मेरे छोटे भाई को admit कराने हॉस्पिटल पहुँचे ।
भाई को चेहरे पर ज्यादा चोट लगने व ज्यादा खून बहने के कारण डॉ. operation के लिए तुरंत operation theater में ले गए ।
भाई का अंदर operation चल रहा था और बाहर मैं और मेरे परिवार के लोग इस बात का इंतज़ार कर रहे थे की डॉक्टर बाहर आकर जल्दी से भाई की normal हालत होने की बात बताये । जिस वक्त हम operation theater के बाहर थे उसी समय वहा एक 24-25 साल की अकेली लड़की भी थी जो की पैरो से अपाहिज थी और वह बेसाखियो के सहारे वहा खड़ी थी, उसके साथ कोई भी नहीं था और उसके चेहरे पर गहरी चिन्ता और घबराहट दिखाई दे रही थी ।
काफ़ी देर तक उसे इस हालत में देखकर मैंने उससे पास जाकर पूछा की आप यहाँ पर किसके लिये आयी है और आप इतनी चिंता में क्यों है ? तब उसने मेरे सवाल का जवाब देते हुए कहा "मैरे पापा का भी अंदर 1 घंटे से अपेंडिक्स का ऑपरेशन चल रहा है मुझे उनकी चिंता हो रही है" तब मैने उस लड़की से उसके परिवार के बाकी लोगो के बारे में पूछा तो उसने कहा "मैं और मेरे पापा यहाँ अकेले रहते है और मेरा बड़ा भाई मलेशिया में में रहता है"
हमारी इन बातो के बिच एक डॉ. साहब ऑपरेशन थिएटर से बाहर उस लड़की के पास आये और उन्होंने उसके पिता की हालत खतरे से बाहर है और वह ठीक है कुछ आधे घंटे बाद आप उनसे मिल सकती हो । यह खबर सुनकर उसका चेहरा ख़ुशी से चमक उठा और उसने चैन की लंबी सांस ली,
डॉ. के वहा से जाने के बाद उसने भी मुझसे पूछा आप यहाँ क्यों आये है ? तो मैंने उसे भाई के बारे में बताया, यह सुनकर उसे याद आया की उसे भी उसके भाई को पापा की हालत के बारे में खबर देनी है ।
इस वक्त रात के 11:30 बज रहे थे उसने अपना मोबाइल निकाला और ख़ुशी से मेरे सामने अपने भाई को मलेशिया कॉल किया, उसने तीन बार कॉल किया पर उसका भाई फोन नही उठा रहा था क्योंकि उस वक़्त मलेशिया में वहा के समय के हिसाब से रात के 2:00 बज रहे थे ।
लड़की फिर परेशान हो रही थी तब मैने उसे दिलासा देते हुए कहा आप परेशान मत होइये हो सकता है आपका भाई सो रहा हो क्योंकि इस वक़्त वहा रात के 2 बज रहे है, आप फिर से कॉल करके देखो शायद अब वो फोन उठाले ।
उस लड़की ने फिर से कॉल किया इस बार उसके भाई ने फोन उठा लिया, लड़की ने स्थिर होते हुए अपने पापा के स्वास्थ्य के बारे में अपने भाई को बताया और अंदर जाकर उनसे बात कराने का कहा पर उसके भाई ने कहा इस वक़्त मुझे बोहत नींद आ रही है मुझे अभी कोई बात नही करना मुझे सोने दो । यह कहते हुए उसके भाई ने फोन काट दिया ।
यह सुनकर उस लड़की के चेहरे पर उदासी छा गयी और मुझसे कहा की मैरे भाई को अपने पापा से ज्यादा अपनी नींद प्यारी है उसे अपने पापा की और अपनी बहन की कोई चिंता नही यह कहते कहते ही उसकी आँखों से आंसू बहने लगे ।
तब मैने उसे कहा pls आप मत रोइये अपने पापा से अंदर जाकर मिले और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछे । आपके पापा पूरी तरह जल्दी ठीक हो जायेंगे ये कहते हुए मैने उस लड़की को होसला दिया ।
उसने भी अपने आंसू पोछे और अपनी बेसाखियो के सहारे अपने पापा से मिलने अंदर चली गयी ।
लेकिन अंदर जाते जाते वो मुझे सीखा गई की बेटिया माता पिता के लिए कितनी जरुरी होती है । बेटिया बेटी के फ़र्ज़ के साथ साथ बेटो का फ़र्ज़ भी कितने अच्छे से निभाती है ।
यही बाते मैं सोच रहा था तभी डॉ. ने आकर मेरे भाई के ऑपरेशन के success के बारे में बताया और वह ठीक है कहते हुए चले गए ।
हम सब भी कुछ देर बाद मैरे भाई से अंदर जाकर मिले । लड़कियां परिवार का ख़याल रखने में लड़को से आगे है ।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
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